भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत उसके मंदिरों में झलकती है। हर मंदिर अपनी अलग कहानी, वास्तुकला और धार्मिक महत्व के साथ जुड़ा होता है। इनमें कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जहां भगवान की प्रतिमा को त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) – का अवतार माना जाता है। यह अवधारणा सृष्टि के निर्माण, पालन और संहार के पहलुओं को दर्शाती है, जो एक ही स्वरूप में समाहित होते हैं।
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त्रिदेव का दिव्य स्वरूप: वह मंदिर जहां…
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भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत उसके मंदिरों में झलकती है। हर मंदिर अपनी अलग कहानी, वास्तुकला और धार्मिक महत्व के साथ जुड़ा होता है। इनमें कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जहां भगवान की प्रतिमा को त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) – का अवतार माना जाता है। यह अवधारणा सृष्टि के निर्माण, पालन और संहार के पहलुओं को दर्शाती है, जो एक ही स्वरूप में समाहित होते हैं।